शनिवार, 19 दिसंबर 2009

शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाना क्या क्राइम नहीं?

शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाना क्या क्राइम नहीं है? अगर है तो


किस कैटिगरी का? भले ही साउथ कोरिया ने उस कानून को खत्म कर दिया है जिसके मुताबिक महिला से शादी का झूठा वादा करके सेक्स रिलेशन बनाने वाले पुरुष को सजा देने का प्रावधान था, पर भारत में इस पर बहस चल पड़ी है। पुरुष संगठनों का कहना है कि यहां भी ऐसा कानून होना चाहिए, पर थोड़ा सा अलग, जबकि महिला ऐक्टिविस्ट भी इससे काफी हद तक सहमत दिखती हैं। पुरुष संगठनों की राय : ऑल इंडिया मैन वेलफेयर असोसिएशन के फाउंडर मेंबर विराग धूलिया कहते हैं कि हमारे देश में इस कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने को रेप नहीं माना जा सकता। यह संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है और कई महिलाएं इसका गलत इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे मामलों में दूसरा केस बन सकता है पर रेप का मामला बनना गलत है। किसी भी मामले में जेंडर की वजह से भेदभाव गलत है।



महिलाएं भी हक में : महिला एक्टिविस्ट भी इससे सहमत हैं कि बालिग लड़की के साथ शादी का झांसा देकर संबंध बनाने की बात गले नहीं उतरती। महिला ऐक्टिविस्ट अंजलि सिन्हा कहती हैं कि ऐसे मामलों में धोखाधड़ी का केस बनना चाहिए। अगर दो बालिग लोग सहमति से रिश्ता बनाते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है। अगर लड़की बालिग है तो उसे शादी का झांसा देना संभव नहीं है। जब शादीशुदा लोग सहमति से तलाक ले सकते हैं तो दो प्रेमी भी आपसी सहमति से अलग हो सकते हैं। अगर किसी वक्त वे साथ थे तो उनकी राय बदल भी सकती है। इसलिए मेरा मानना है कि रेप की जगह धोखाधड़ी का केस दर्ज होना चाहिए।



क्या कहता है कानून : सुप्रीम कोर्ट के वकील महेश तिवारी कहते हैं कि अगर कोई महिला आरोप लगाती है कि किसी ने उससे शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाए तो आरोप और मेडिकल टेस्ट के आधार पर रेप का केस दर्ज होता है। भले ही कई मामलों में कोर्ट ने दोनों के साथ रहने की अवधि और स्थितियों को देखकर रेप के चार्ज हटाने के आदेश दिए हैं पर अभी भी प्रथम दृष्टया ऐसे मामलों में रेप का ही केस दर्ज होता है।

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